कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और मिडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का करारा जवाब

Nirmla sitaraman replying to rahul gandhi
वित्तमंत्री का राहुल गांधी को जवाब

मंगलवार रात्रि को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक के बाद एक लगातार तेरा ट्वीट किए और राहुल गांधी को जबरदस्त तरीके से जवाब दिया उन्होंने अपनी ट्वीट में लिखा कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी और प्रवक्ता सुरजेवाला देश के लोगों को गुमराह करने की कोशिश की है. निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस को उन्हीं के तरीके से संदर्भ से बाहर निकालकर तथ्यों को सनसनीखेज रूप से प्रस्तुत किया,

 Today’s attempt of
@INCIndialeaders is to mislead on wilful defaulters, bad loans & write-offs. Between 2009-10 & 2013-14, Scheduled Commercial Banks had written off Rs.145226.00 crores. Wished Shri.@RahulGandhiconsulted Dr. Manmohan Singh on what this writing-off was about.

क्या है मामला

दरअसल देश के 50 बड़े विलफुल डिफॉल्टर्स का 68607 करोड रुपए का कर्ज बट्टे खाते में डाल दिया है. उसके पश्चात कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी और प्रवक्ता सुरजेवाला ने वित्त मंत्री और भारत सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने नीरव मोदी, मेहुल चौक से जैसे भाजपा के मित्रों के नाम बैंक चोरों की लिस्ट में डाल दिए हैं, और उनका ऋण माफ कर दिया है, राहुल गांधी के हमले का जवाब देते हुए निर्मला सीतारमण ने जवाब देते हुए लिखा की “कांग्रेस देश की जनता को गुमराह करने का काम कर रही है.”

भारतीय वित्त-मंत्री ने मंगलवार को एक के बाद एक लगातार 13 ट्विट कीये, और बताया की नीरव मोदी से लेकर विजय माल्या तक बीजेपी सरकार ने कर्ज वसूली के लिए क्या क्या कदम उठाए हैं, उन्होंने अपने ट्वीट में यह भी बताया कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और कांग्रेस के मीडिया प्रभारी सुरजेवाला ने लोगों को गुमराह करने की कोशिश की है. उन्होंने कांग्रेस के अंदाज में ही कांग्रेस को जवाब दिया.


क्या कहा वित्त-मंत्री ने


वित्त मंत्री ने अपने ट्वीट के जरिए देश की जनता को कांग्रेस के गुमराह करने वाले ट्विट का रिप्लाई करते हुए कहा की कांग्रेस के नेताओं ने जानबूझकर बैंकों का कर्ज नहीं लौटाने और राइट ऑफ पर जनता को गुमराह करने की कोशिश की है, 2009-10 और 2013-14 के बीच अनुसूचित वाणिज्य बैंकों ने 145226 करोड़ की राशि का राइट ऑफ किया था आशा है राहुल गांधी ने मनमोहन सिंह से सलाह ली होगी कि यह राइट ऑफ किस बारे में था.

उन्होंने अपने अगले ट्वीट में बताया की एनपीए के लिए आरबीआई के तय किए गए 4 साल के प्रावधान चक्र के हिसाब से नियम तय किए गए हैं, जो पूरा हो जाने पर ही बैंक एनपीए को राइट ऑफ में डालते हैं, लेकिन वह कर्ज-धारक से वसूल की कोशिश जारी रखते हैं, और किसी भी प्रकार से बैंक द्वारा कर्ज माफ नहीं किया जाता है. उन्होंने अपने ट्वीट्स में मेहुल चौक से लेकर नीरव मोदी और विजय माल्या पर की गई भारत सरकार की कार्यवाहियों  का भी एक-एक कर विवरण प्रस्तुत किया.

विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी पर वित्-मंत्री का जवाब


विजय माल्या केस

उन्होंने अपने ट्वीट में बताया कि अब तक विजय माल्या की करीब 8040 करोड रुपए की संपत्ति को अटैच किया गया है, इसके अलावा 1693  करोड़ रुपए के शेयर भी जप्त किए जा चुके हैं, भारत सरकार ने विजय माल्या को भगोड़ा घोषित करते हुए प्रत्यर्पण की अर्जी भी दी गई है.
 Vijay Mallya Case : Total value at the time of attachment was Rs 8040 Crore and of seizure was Rs 1693 Crore. Value of shares at the time of seizure was Rs 1693 Crore. Declared fugitive offender. On extradition request by GoI,UK High Court, has also ruled for extradition.

नीरव मोदी केस


वित्त मंत्री ने अपने अन्य ट्वीट में नीरव मोदी पर की गई कार्रवाई का खुलासा करते हुए बताया कि हीरा व्यापारी नीरव मोदी की लगभग 2387 करोड़ रुपए की संपत्ति को भी सरकार ने सीज किया है और नीरव मोदी की जिन संपत्तियों को सरकार ने सीज किया है उनमें से 961.47 करोड़ की विदेशी संपत्ति भी शामिल है. उन्होंने बताया नीरव मोदी फिलहाल यूके की एक जेल में है, नीरव मोदी की 53.45 करोड रुपए के लग्जरी आइटम की नीलामी भी की गई है.
Nirav Modi Case : Immovable and movable properties worth more than Rs 2387 Crore attached/seized.( Attachment Rs 1898 Crore and Seizure Rs 489.75 Crore) . This includes foreign attachments of Rs 961.47 Crore. Auction of luxury items for Rs 53.45 Crore. He is in prison in the UK.


मेहुल चौकसी केस


भारतीय विदेश मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने अगले ट्वीट में मेहुल चौकसी केस पर कार्रवाई का विवरण देते हुए कहा कि मेहुल चौकसी की 1936 करोड रुपए से अधिक की संपत्ति को अटैच किया गया है जिसमें से 67.9 करोड रुपए की विदेशी संपत्ति भी शामिल है, इसके अलावा 597.75 करोड़ की प्रॉपर्टी को सीज करते हुए मेहुल चौकसी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया जा चुका है. वित्त मंत्री ने आगे और जानकारी देते हुए कहा की चौकसी के प्रत्यर्पण के लिए एंटीगुआ को अर्जी भेजी जा चुकी है, और मेहुल चौकसी को भगोड़ा घोषित करने की प्रक्रिया पर भी कार्रवाई की जा रही है
Vijay Mallya Case : Total value at the time of attachment was Rs 8040 Crore and of seizure was Rs 1693 Crore. Value of shares at the time of seizure was Rs 1693 Crore. Declared fugitive offender. On extradition request by GoI,UK High Court, has also ruled for extradition.


क्या है राइट ऑफ


बैंक लोन देता है और लोन लेने वाला री-पे  करता है अगर री-पे  नहीं कर पाता है तो बैंक रिकवरी करता है किन्ही कारण वंश रिकवरी नहीं होने पर बैंक की बैलेंस शीट गड़बड़ आने लगती है और लगातार तीन क्वार्टर तक एक ही लोन बैंक की बैलेंस शीट में गड़बड़ करता है तो बैंक उसे राइट ऑफ की प्रक्रिया द्वारा अपनी बैलेंस शीट को सुधारने का प्रयास करती है. अगर बैंक द्वारा चौथे क्वार्टर में भी दिए गए लोन बैलेंस शीट मैं गड़बड़ करता है तो पूररी फाइनेंसियल ईयर की बैलेंस शीट गड़बड़ हो जाती है इसलिए बैंक द्वारा इस लोन को राइट ऑफ कर दिया जाता है.

कैसे होती है राइट ऑफ किए गए अमाउंट की रिकवरी

जब कोई बैंक दिए गए लोन की रिकवरी नहीं होने पर उसे राइट ऑफ करता है तो उसकी रिकवरी भी बैंक स्वयं अपने लाभ खाते से करता है, बैलेंस शीट में सुधार हेतु जो राइट ऑफ किया जाता है, उसका सीधा नुकसान बैंक के लाभ खाते को होता है, अर्थात बैंक का लाभ कम हो जाता है. जिसकी भरपाई बैंक अपने अन्य कमाई के साधनों के जरिए से पूर्ण करने की कोशिश करती है उनमें शामिल है - बैंक पर आ रहे ब्याज को बढ़ाना, सेविंग पर दिया जा रहा ब्याज कम करना, या बैंक की अन्य दूसरी स्कीम.
राइट ऑफ का मतलब किसी भी सूरत में यह नहीं समझा जा सकता कि बैंक ने उस कर्ज प्राप्त करने वाले व्यक्ति का कर्ज माफ कर दिया है राइट ऑफ करने के पश्चात भी बैंक के पास डिफॉल्टर से कर्ज वसूल करने का ऑप्शन उपलब्ध रहता है.

क्या था कांग्रेस का भाजपा पर आरोप


आरबीआई द्वारा 50 बैंकों के तकरीबन 68607 करोड रुपए का कर्ज बट्टे खाते में डाल दिए जाने के बाद राहुल गांधी ने भारत सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने नीरव मोदी, मेहुल चौकसी और विजय माल्या सहित भाजपा के अनेक मित्रों के नाम बैंक चोरों की लिस्ट में डाल दिए हैं.
वही कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा की “बैंक लुटेरों द्वारा पैसा लूटो, विदेश जाओ, लोन माफ कराओ, ट्रैवल एजेंसी का पर्दाफाश” “भघोड़ों का साथ भगोड़ों का लोन माफ बन गया है, भाजपा सरकार का मूल मंत्र”

राहुल गाँधी का ट्विट...

राहुल-गाँधी-का-ट्विट
राहुल-गाँधी-का-ट्विट


रणदीप सुरजेवाला का ट्विट...

बैंक लुटेरों द्वारा पैसा लूटो-विदेश जाओ-लोन माफ कराओ ट्रैवल एजेंसी का पर्दाफाश! भगोड़ो का साथ-भगोड़ो का लोन माफ बना है BJP सरकार का मूलमंत्र लघु उद्योग,दुकानदारी,व्यवसाय ठप्प हो गए,पर इसके बावजूद मोदी सरकार द्वारा बैंक डिफॉल्टरों को ₹68,607Cr की माफी दी जा रही है

कैसे कांग्रेस ने राइट-ऑफ मामले में देश को गुमराह किया

बैंक द्वारा 50 डिफॉल्टर्स के करीब 68607 करोड रुपए राइट ऑफ करने पर कांग्रेसी ने देश की जनता को यह कहकर गुमराह करने की कोशिश की भाजपा ने अपने करीबी मित्रों के लोन को माफ कर दिया है. परंतु भाजपा ने ऐसा कुछ भी नहीं किए जाने के संबंध में वित्त मंत्री ने राहुल गांधी को जवाब देते हुए 13 ट्वीट में बताया कि राइट ऑफ करना बैंक के लिए क्यों आवश्यक है. और इस प्रकार के राईट-ऑफ़ ना सिर्फ भाजपा सरकार के दौरान बल्कि कांग्रेस सरकार के दौरान भी किए गए थे, राइट ऑफ करने से तात्पर्य यह नहीं लगाया जा सकता की बैंक उक्त कर्ज-लेनदारों  के कर्ज को माफ कर रही है, बल्कि राइट-ऑफ से तात्पर्य है की बैंक अपने बैलेंस शीट की गड़बड़ियों को सुधारने का प्रयास कर रही है. राइट ऑफ करने के बाद भी बैंक डिफॉल्टर से कर्ज़ प्राप्त करने का अधिकार रखती है, मतलब साफ है कि कांग्रेस ने शब्दों का फायदा उठाकर राइट-ऑफ को कर्ज माफी का नाम देकर भारत की जनता को बेवकूफ या गुमराह करने का प्रयास किया है.

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